53 हमारा पिता इब्राहीम तो मर गया, क्या तू उस से बड़ा है? और भविष्यद्वक्ता भी मर गए, तू अपने आप को क्या ठहराता है।
54 यीशु ने उत्तर दिया; यदि मैं आप अपनी महिमा करूं, तो मेरी महिमा कुछ नहीं, परन्तु मेरी महिमा करनेवाला मेरा पिता है, जिसे तुम कहते हो, कि वह हमारा परमेश्वर है।
55 और तुम ने तो उसे नहीं जाना: परन्तु मैं उसे जानता हूं; और यदि कहूं कि मैं उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी नाईं झूठा ठहरूंगा: परन्तु मैं उसे जानता हूं, और उसके वचन पर चलता हूं।
56 तुम्हारा पिता इब्राहीम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उस ने देखा, और आनन्द किया।
57 यहूदियों ने उस से कहा, अब तक तू पचास वर्ष का नहीं; फिर भी तू ने इब्राहीम को देखा है?
58 यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि पहिले इसके कि इब्राहीम उत्पन्न हुआ मैं हूं।
59 तब उन्होंने उसे मारने के लिये पत्थर उठाए, परन्तु यीशु छिपकर मन्दिर से निकल गया॥