23 इसी कारण उसके माता-पिता ने कहा, कि वह सयाना है; उसी से पूछ लो।
24 तब उन्होंने उस मनुष्य को जो अन्धा था दूसरी बार बुलाकर उस से कहा, परमेश्वर की स्तुति कर; हम तो जानते हैं कि वह मनुष्य पापी है।
25 उस ने उत्तर दिया: मैं नहीं जानता कि वह पापी है या नहीं: मैं एक बात जानता हूं कि मैं अन्धा था और अब देखता हूं।
26 उन्होंने उस से फिर कहा, कि उस ने तेरे साथ क्या किया? और किस तेरह तेरी आंखें खोलीं?
27 उस ने उन से कहा; मैं तो तुम से कह चुका, और तुम ने ना सुना; अब दूसरी बार क्यों सुनना चाहते हो? क्या तुम भी उसके चेले होना चाहते हो?
28 तब वे उसे बुरा-भला कहकर बोले, तू ही उसका चेला है; हम तो मूसा के चेले हैं।
29 हम जानते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से बातें कीं; परन्तु इस मनुष्य को नहीं जानते की कहां का है।