लूका 12:51-57 HHBD

51 क्या तुम समझते हो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूं? मैं तुम से कहता हूं; नहीं, वरन अलग कराने आया हूं।

52 क्योंकि अब से एक घर में पांच जन आपस में विरोध रखेंगे, तीन दो से दो तीन से।

53 पिता पुत्र से, और पुत्र पिता से विरोध रखेगा; मां बेटी से, और बेटी मां से, सास बहू से, और बहू सास से विरोध रखेगी॥

54 और उस ने भीड़ से भी कहा, जब बादल को पच्छिम से उठते देखते हो, तो तुरन्त कहते हो, कि वर्षा होगी; और ऐसा ही होता है।

55 और जब दक्खिना चलती दखते हो तो कहते हो, कि लू चलेगी, और ऐसा ही होता है।

56 हे कपटियों, तुम धरती और आकाश के रूप में भेद कर सकते हो, परन्तु इस युग के विषय में क्यों भेद करना नहीं जानते?

57 और तुम आप ही निर्णय क्यों नहीं कर लेते, कि उचित क्या है?