18 फिर उस ने कहा, परमेश्वर का राज्य किस के समान है और मैं उस की उपमा किस से दूं?
19 वह राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपनी बारी में बोया: और वह बढ़कर पेड़ हो गया; और आकाश के पक्षियों ने उस की डालियों पर बसेरा किया।
20 उस ने फिर कहा; मैं परमेश्वर के राज्य कि उपमा किस से दूं?
21 वह खमीर के समान है, जिस को किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिलाया, और होते होते सब आटा खमीर हो गया॥
22 वह नगर नगर, और गांव गांव होकर उपदेश करता हुआ यरूशलेम की ओर जा रहा था।
23 और किसी ने उस से पूछा; हे प्रभु, क्या उद्धार पाने वाले थोड़े हैं?
24 उस ने उन से कहा; सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुतेरे प्रवेश करना चाहेंगे, और न कर सकेंगे।