1 जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी, और परमेश्वर का वचन सुनती थी, और वह गन्नेसरत की झील के किनारे पर खड़ा था, तो ऐसा हुआ।
2 कि उस ने झील के किनारे दो नावें लगी हुई देखीं, और मछुवे उन पर से उतरकर जाल धो रहे थे।
3 उन नावों में से एक पर जो शमौन की थी, चढ़कर, उस ने उस से बिनती की, कि किनारे से थोड़ा हटा ले चले, तब वह बैठकर लोगों को नाव पर से उपदेश देने लगा।
4 जब वे बातें कर चुका, तो शमौन से कहा, गहिरे में ले चल, और मछिलयां पकड़ने के लिये अपने जाल डालो।
5 शमौन ने उसको उत्तर दिया, कि हे स्वामी, हम ने सारी रात मिहनत की और कुछ न पकड़ा; तौभी तेरे कहने से जाल डालूंगा।