31 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है।
32 मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।
33 और उन्होंने उस से कहा, यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते पीते हैं!
34 यीशु ने उन से कहा; क्या तुम बरातियों से जब तक दूल्हा उन के साथ रहे, उपवास करवा सकते हो? ।
35 परन्तु वे दिन आएंगे, जिन में दूल्हा उन से अलग किया जाएगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।
36 उस ने एक और दृष्टान्त भी उन से कहा; कि कोई मनुष्य नये पहिरावन में से फाड़कर पुराने पहिरावन में पैबन्द नहीं लगाता, नहीं तो नया फट जाएगा और वह पैबन्द पुराने में मेल भी नहीं खाएगा।
37 और कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नही भरता, नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएंगी।