1 इतिहास 16:30-36 HHBD

30 हे सारी पृथ्वी के लोगो उसके साम्हने थरथराओ! जगत ऐसा स्थिर है, कि वह टलने का नहीं।

31 आकाश आनन्द करे और पृथ्वी मगन हो, और जाति जाति में लोग कहें, कि यहोवा राजा हुआ है।

32 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें, मैदान और जो कुछ उस में है सो प्रफुल्लित हों।

33 उसी समय वन के वृक्ष यहोवा के साम्हने जयजयकार करें, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है।

34 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; उसकी करुणा सदा की है।

35 और यह कहो, कि हे हमारे उद्धार करने वाले परमेश्वर हमारा उद्धार कर, और हम को इकट्ठा कर के अन्यजातियों से छुड़ा, कि हम तेरे पवित्र नाम का धन्यवाद करें, और तेरी स्तुति करते हुए तेरे विषय बड़ाई करें।

36 अनादिकाल से अनन्तकाल तक इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है। तब सब प्रजा ने आमीन कहा: और यहोवा की स्तुति की।