15 तेरी दृष्टि में हम तो अपने सब पुरखाओं की नाईं पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया की नाईं बीते जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं।
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