1 राजा 13:26-32 HHBD

26 यह सुनकर उस नबी ने जो उसको मार्ग पर से लौटा ले आया था, कहा, परमेश्वर का वही जन होगा, जिसने यहोवा के वचन के विरुद्ध किया था, इस कारण यहोवा ने उसको सिंह के पंजे में पड़ने दिया; और यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने उस से कहा था, सिंह ने उसे फाड़कर मार डाला होगा।

27 तब उसने अपने बेटों से कहा, मेरे लिये गदहे पर काठी बान्धो; जब उन्होंने काठी बान्धी,

28 तब उसने जा कर उस जन की लोथ मार्ग पर पड़ी हुई, और गदहे, और सिंह दोनों को लोथ के पास खड़े हुए पाया, और यह भी कि सिंह ने न तो लोथ को खाया, और न गदहे को फाड़ा है।

29 तब उस बूढ़े नबी ने परमेश्वर के जन की लोथ उठा कर गदहे पर लाद ली, और उसके लिये छाती पीटने लगा, और उसे मिट्टी देने को अपने नगर में लौटा ले गया।

30 और उसने उसकी लोथ को अपने कब्रिस्तान में रखा, और लोग हाय, मेरे भाई! यह कह कर छाती पीटने लगे।

31 फिर उसे मिट्टी देकर उसने अपने बेटों से कहा, जब मैं मर जाऊंगा तब मुझे इसी कब्रिस्तान में रखना, जिस में परमेश्वर का यह जन रखा गया है, और मेरी हड्डियां उसी की हड्डियों के पास धर देना।

32 क्योंकि जो वचन उसने यहोवा से पाकर बेतेल की वेदी और शोमरोन के नगरों के सब ऊंचे स्थानों के भवनों के विरुद्ध पुकार के कहा है, वह निश्चय पूरा हो जाएगा।