18 तब आसा ने जितना सोना चांदी यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों में रह गया था उस सब को निकाल अपने कर्मचारियों के हाथ सौंपकर, दमिश्कवासी अराम के राजा बेन्हदद के पास जो हेज्योन का पोता और तब्रिम्मोन का पुत्र था भेज कर यह कहा, कि जैसा मेरे और तेरे पिता के मध्य में वैसा ही मेरे और तेरे मध्य भी वाचा बान्धी जाए:
19 देख, मैं तेरे पास चांदी सोने की भेंट भेजता हूँ, इसलिये आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को टाल दे, कि वह मेरे पास से चला जाए।
20 राजा आसा की यह बात मानकर बेन्हदद ने अपने दलों के प्रधानों से इस्राएली नगरों पर चढ़ाई करवा कर इय्योन, दान, आबेल्वेत्माका और समस्त किन्नेरेत को और नप्ताली के समस्त देश को पूरा जीत लिया।
21 यह सुनकर बाशा ने रामा को दृढ़ करना छोड़ दिया, और तिर्सा में रहने लगा।
22 तब राजा आसा ने सारे यहूदा में प्रचार करवाया और कोई अनसुना न रहा, तब वे रामा के पत्थरों और लकड़ी को जिन से बासा उसे दृढ़ करता था उठा ले गए, और उन से राजा आसा ने बिन्यामीन के गेबा और मिस्पा को दृढ़ किया।
23 आसा के और काम और उसकी वीरता और जो कुछ उसने किया, और जो नगर उसने दृढ़ किए, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
24 परन्तु उसके बुढ़ापे में तो उसे पांवों का रोग लग गया। निदान आसा अपने पुरखाओं के संग सो गया, और उसे उसके मूलपुरुष दाऊद के नगर में उन्हीं के पास पिट्टी दी गई और उसका पुत्र यहोशापात उसके स्थान पर राज्य करने लगा।