1 जब दाऊद के मरने का समय निकट आया, तब उसने अपने पुत्र सुलैमान से कहा,
2 कि मैं लोक की रीति पर कूच करने वाला हूँ इसलिये तू हियाव बांधकर पुरुषार्थ दिखा।
3 और जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे सौंपा है, उसकी रक्षा करके उसके मार्गों पर चला करना और जैसा मूसा की व्यवस्था में लिखा है, वैसा ही उसकी विधियों तथा आज्ञाओं, और नियमों, और चितौनियों का पालन करते रहना; जिस से जो कुछ तू करे और जहां कहीं तू जाए, उस में तू सफल होए;
4 और यहोवा अपना वह वचन पूरा करे जो उसने मेरे विषय में कहा था, कि यदि तेरी सन्तान अपनी चाल के विषय में ऐसे सावधान रहें, कि अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से सच्चाई के साथ नित मेरे सम्मुख चलते रहें तब तो इस्राएल की राजगद्दी पर विराजने वाले की, तेरे कुल परिवार में घटी कभी न होगी।
5 फिर तू स्वयं जानता है, कि सरूयाह के पुत्र योआब ने मुझ से क्या क्या किया! अर्थात उसने नेर के पुत्र अब्नेर, और येतेर के पुत्र अमासा, इस्राएल के इन दो सेनापतियों से क्या क्या किया। उसने उन दोनों को घात किया, और मेल के समय युद्ध का लोहू बहाकर उस से अपनी कमर का कमरबन्द और अपने पावों की जूतियां भिगो दीं।
6 इसलिये तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शांति से उतरने न देना।
7 फिर गिलादी बर्जिल्लै के पुत्रों पर कृपा रखना, और वे तेरी मेज पर खाने वालों में रहें, क्योंकि जब मैं तेरे भाई अबशालोम के साम्हने से भागा जा रहा था, तब उन्होंने मेरे पास आकर वैसा ही किया था।