32 और यहोवा उसके सिर वह खून लौटा देगा क्योंकि उसने मेरे पिता दाऊद के बिना जाने अपने से अधिक धमीं और भले दो पुरुषों पर, अर्थात इस्राएल के प्रधान सेनापति नेर के पुत्र अब्नेर और यहूदा के प्रधान सेनापति येतेर के पुत्र अमासा पर टूटकर उन को तलवार से मार डाला था।
33 यों योआब के सिर पर और उसकी सन्तान के सिर पर खून सदा तक रहेगा, परन्तु दाऊद और उसके वंश और उसके घराने और उसके राज्य पर यहोवा की ओर से शांति सदैव तक रहेगी।
34 तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने जा कर योआब को मार डाला; और उसको जंगल में उसी के घर में मिट्टी दी गई।
35 तब राजा ने उसके स्थान पर यहोयादा के पुत्र बनायाह को प्रधान सेनापति ठहराया; और एब्यातार के स्थान पर सादोक याजक को ठहराया।
36 और राजा ने शिमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, तू यरूशलेम में अपना एक घर बनाकर वहीं रहना: और नगर से बाहर कहीं न जाना।
37 तू निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकल कर किद्रोन नाले के पार उतरे, उसी दिन तू नि:सन्देह मार डाला जाएगा, और तेरा लोहू तेरे ही सिर पर पड़ेगा।
38 शिमी ने राजा से कहा, बात अच्छी है; जैसा मेरे प्रभु राजा ने कहा है, वैसा ही तेरा दास करेगा। तब शिमी बहुत दिन यरूशलेम में रहा।