31 वह तो और सब मनुष्यों से वरन एतान, एज्रेही और हेमान, और माहोल के पुत्र कलकोल, और दर्दा से भी अधिक बुद्धिमान था: और उसकी कीर्ति चारों ओर की सब जातियों में फैल गई।
32 उसने तीन हज़ार नीतिवचन कहे, और उसके एक हज़ार पांच गीत भी है।
33 फिर उसने लबानोन के देवदारुओं से ले कर भीत में से उगते हुए जूफा तक के सब पेड़ों की चर्चा और पशुओं पक्षियों और रेंगने वाले जन्तुओं और मछलियों की चर्चा की।
34 और देश देश के लोग पृथ्वी के सब राजाओं की ओर से जिन्होंने सुलैमान की बुद्धि की कीर्ति सुनी थी, उसकी बुद्धि की बातें सुनने को आया करते थे।