34 दोनों किवाड़ सनोवर की लकड़ी के थे, जिन में से एक किवाड़ के दो पल्ले थे; और दूसरे किवाड़ के दो पल्ले थे जो पलटकर दुहर जाते थे।
35 और उन पर भी उसने करूब और खजूर के वृक्ष और खिले हुए फूल खुदवाए और खुदे हुए काम पर उसने सोना मढ़वाया।
36 और उसने भीतर वाले आंगन के घेरे को गढ़े हुए पत्थरों के तीन रद्दे, और एक परत देवदारू की कडिय़ां लगा कर बनाया।
37 चौथे वर्ष के जीव नाम महीने में यहोवा के भवन की नेव डाली गई।
38 और ग्यारहवें वर्ष के बूल नाम आठवें महीने में, वह भवन उस सब समेत जो उस में उचित समझा गया बन चुका: इस रीति सुलैमान को उसके बनाने में सात वर्ष लगे।