2 और उसने लबानोनी वन नाम महल बनाया जिसकी लम्बाई सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ और ऊंचाई तीस हाथ की थी; वह तो देवदारु के खम्भों की चार पांति पर बना और खम्भों पर देवदारु की कडिय़ां धरी गईं।
3 और खम्भों के ऊपर देवदारु की छत वाली पैंतालीस कोठरियां अर्थात एक एक महल में पन्द्रह कोठरियां बनीं।
4 तीनों महलों में कडिय़ां धरी गई, और तीनों में खिड़कियां आम्हने साम्हने बनीं।
5 और सब द्वार और बाजुओं की कडिय़ां भी चौकोर थी, और तीनों महलों में खिड़कियां आम्हने साम्हने बनीं।
6 और उसने एक खम्भेवाला ओसारा भी बनाया जिसकी लम्बाई पचास हाथ और चौड़ाई तीस हाथ की थी, और इन खम्भों के साम्हने एक खम्भे वाला ओसारा और उसके साम्हने डेवढ़ी बनाई।
7 फिर उसने न्याय के सिंहासन के लिये भी एक ओसारा बनाया, जो न्याय का ओसारा कहलाया; और उस में ऐक फ़र्श से दूसरे फ़र्श तक देवदारु की तख्ताबन्दी थी।
8 और उसी के रहने का भवन जो उस ओसारे के भीतर के एक और आंगन में बना, वह भी उसी ढब से बना। फिर उसी ओसारे के ढब से सुलैमान ने फ़िरौन की बेटी के लिये जिस को उसने ब्याह लिया था, एक और भवन बनाया।