39 और उसने पांच हौदी भवन की दक्खिन की ओर, और पांच उसकी उत्तर की ओर रख दीं; और हौज़ को भवन की दाहिनी ओर अर्थात पूर्व की ओर, और दक्खिन के साम्हने धर दिया।
40 और हीराम ने हौदियों, फावडिय़ों, और कटोरों को भी बनाया। सो हीराम ने राजा सुलैमान के लिये यहोवा के भवन में जितना काम करना था, वह सब निपटा दिया,
41 अर्थात दो खम्भे, और उन कंगनियों की गोलाइयां जो दोनों खम्भों के सिरे पर थीं, और दोनों खम्भों के सिरों पर की गोलाइयों के ढांपने को दो दो जालियां, और दोनों जालियों के लिय चार चार सौ अनार,
42 अर्थात खम्भों के सिरों पर जो गोलाइयां थीं, उनके ढांपने के लिये अर्थात एक एक जाली के लिये अनारों की दो दो पांति;
43 दस पाये और इन पर की दस हौदी,
44 एक हौज़ और उसके नीचे के बारह बैल, और हंडे, फावडिय़ां,
45 और कटोरे बने। ये सब पात्र जिन्हें हीराम ने यहोवा के भवन के निमित्त राजा सुलैमान के लिये बनाया, वह झलकाये हुए पीतल के बने।