20 एमोरी, हित्ती, परिज्जी, हिब्बी और यबूसी जो रह गए थे, जो इस्राएलियों में के न थे,
21 उनके वंश जो उनके बाद देश में रह गए, और उन को इस्राएली सत्यानाश न कर सके, उन को तो सुलैमान ने दास कर के बेगारी में रखा, और आज तक उन की वही दशा है।
22 परन्तु इस्राएलियों में से सुलैमान ने किसी को दास न बनाया; वे तो योद्धा और उसके कर्मचारी, उसके हाकिम, उसके सरदार, और उसके रथों, और सवारोंके प्रधान हुए।
23 जो मुख्य हाकिम सुलैमान के कामों के ऊपर ठहर के काम करने वालों पर प्रभुता करते थे, ये पांच सौ पचास थे।
24 जब फ़िरौन की बेटी दाऊदपुर में से अपने उस भवन को आ गई, जो उसने उसके लिये बनाया था तब उसने मिल्लो को बनाया।
25 और सुलैमान उस वेदी पर जो उसने यहोवा के लिये बनाईं थी, प्रति वर्ष में तीन बार होमबलि और मेलबलि चढ़ाया करता था और साथ ही उस वेदी पर जो यहोवा के सम्मुख थी, धूप जलाया करता था, इस प्रकार उसने उस भवन को तैयार कर दिया।
26 फिर राजा सुलैमान ने एस्योनगेबेर में जो एदोम देश मे लाल समुद्र के तीर एलोत के पास है, जहाज बनाए।