1 शमूएल 24:7-13 HHBD

7 ऐसी बातें कहकर दाऊद ने अपने जनों को घुड़की लगाई और उन्हें शाऊल की हानि करने को उठने न दिया। फिर शाऊल उठ कर गुफा से निकला और अपना मार्ग लिया।

8 उसके पीछे दाऊद भी उठ कर गुफा से निकला और शाऊल को पीछे से पुकार के बोला, हे मेरे प्रभु, हे राजा। जब शाऊल ने फिर के देखा, तब दाऊद ने भूमि की ओर सिर झुका कर दण्डवत की।

9 और दाऊद ने शाऊल से कहा, जो मनुष्य कहते हैं, कि दाऊद तेरी हानि चाहता है उनकी तू क्योंसुनता है?

10 देख, आज तू ने अपनी आंखों से देखा है कि यहोवा ने आज गुफा में तुझे मेरे हाथ सौंप दिया था; और किसी किसी ने तो मुझ से तुझे मारने को कहा था, परन्तु मुझे तुझ पर तरस आया; और मैं ने कहा, मैं अपने प्रभु पर हाथ न चलाऊंगा; क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है।

11 फिर, हे मेरे पिता, देख, अपने बागे की छोर मेरे हाथ में देख; मैं ने तेरे बागे की छोर तो काट ली, परन्तु तुझे घात न किया; इस से निश्चय करके जान ले, कि मेरे मन में कोई बुराई वा अपराध का सोच नहीं है। और मैं ने तेरा कुछ अपराध नहीं किया, परन्तु तू मेरे प्राण लेने को मानो उसका अहेर करता रहता है।

12 यहोवा मेरा और तेरा न्याय करे, और यहोवा तुझ से मेरा पलटा ले; परन्तु मेरा हाथ तुझ पर न उठेगा।

13 प्राचीनों के नीति वचन के अनुसार दुष्टता दुष्टों से होती है; परन्तु मेरा हाथ तुझ पर न उठेगा।