37 बिहान को जब नाबाल का नशा उतर गया, तब उसकी पत्नी ने उसे कुल हाल सुना दिया, तब उसके मन का हियाव जाता रहा, और वह पत्थर सा सुन्न हो गया।
38 और दस दिन के पश्चात यहोवा ने नाबाल को ऐसा मारा, कि वह मर गया।
39 नाबाल के मरने का हाल सुनकर दाऊद ने कहा, धन्य है यहोवा जिसने नाबाल के साथ मेरी नामधराई का मुकद्दमा लड़कर अपने दास को बुराई से रोक रखा; और यहोवा ने नाबाल की बुराई को उसी के सिर पर लाद दिया है। तब दाऊद ने लोगों को अबीगैल के पास इसलिये भेजा कि वे उस से उसकी पत्नी होने की बातचीत करें।
40 तो जब दाऊद के सेवक कर्मेल को अबीगैल के पास पहुंचे, तब उस से कहने लगे, कि दाऊद ने हमें तेरे पास इसलिये भेजा है कि तू उसकी पत्नी बने।
41 तब वह उठी, और मुंह के बल भूमि पर गिर दण्डवत करके कहा, तेरी दासी अपने प्रभु के सेवकों के चरण धोने के लिये लौंडी बने।
42 तब अबीगैल फुर्ती से उठी, और गदहे पर चली, और उसकी पांच सहेलियां उसके पीछे पीछे हो ली; और वह दाऊद के दूतों के पीछे पीछे गई; और उसकी पत्नी हो गई।
43 और दाऊद ने चिज्रैल नगर की अहिनोअम को भी ब्याह लिया, तो वे दोनोंउसकी पत्नियां हुई।