1 शमूएल 26:17-23 HHBD

17 तब शाऊल ने दाऊद का बोल पहिचानकर कहा, हे मेरे बेटे दाऊद, क्या यह तेरा बोल है, दाऊद ने कहा, हां, मेरे प्रभु राजा, मेरा ही बोल है।

18 फिर उसने कहा, मेरा प्रभु अपने दास का पीछा क्योंकरता है? मैं ने क्या किया है? और मुझ से कौन सी बुराई हुई है?

19 अब मेरा प्रभु राजा, अपने दास की बातें सुन ले। यदि यहोवा ने तुझे मेरे विरुद्ध उकसाया हो, तब तो वह भेंट ग्रहण करे; परन्तु यदि आदमियों ने ऐसा किया हो, तो वे यहोवा की ओर से शापित हों, क्योंकि उन्होंने अब मुझे निकाल दिया है कि मैं यहोवा के निज भाग में न रहूं, और उन्होंने कहा है, कि जा पराए देवताओं की उपासना कर।

20 इसलिये अब मेरा लोहू यहोवा की आखों की ओट में भूमि पर न बहने पाए; इस्राएल का राजा तो एक पिस्सू ढूंढ़ने आया है, जैसा कि कोई पहाड़ों पर तीतर का अहेर करे।

21 शाऊल ने कहा, मैं ने पाप किया है, हे मेरे बेटे दाऊद लौट आ; मेरा प्राण आज के दिन तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरा, इस कारण मैं फिर तेरी कुछ हानि न करूंगा; सुन, मैं ने मूर्खता की, और मुझ से बड़ी भूल हुई है।

22 दाऊद ने उत्तर देकर कहा, हे राजा, भाले को देख, कोई जवान इधर आकर इसे ले जाए।

23 यहोवा एक एक को अपने अपने धर्म और सच्चाई का फल देगा; देख, आज यहोवा ने तुझ को मेरे हाथ में कर दिया था, परन्तु मैं ने यहोवा के अभिषिक्त पर अपना हाथ बढ़ाना उचित न समझा।