1 उन दिनों में पलिश्तियों ने इस्राएल से लड़ने के लिये अपनी सेना इकट्ठी की। और आकीश ने दाऊद से कहा, निश्चय जान कि तुझे अपने जनों समेत मेरे साथ सेना में जाना होगा।
2 दाऊद ने आकीश से कहा, इस कारण तू जान लेगा कि तेरा दास क्या करेगा। आकीश ने दाऊद से कहा, इस कारण मैं तुझे अपने सिर का रक्षक सदा के लिये ठहराऊंगा॥
3 शमूएल तो मर गया था, और समस्त इस्राएलियों ने उसके विषय छाती पीटी, और उसको उसके नगर रामा में मिट्टी दी थी। और शाऊल ने ओझों और भूतसिद्धि करने वालों को देश से निकाल दिया था॥
4 जब पलिश्ती इकट्ठे हुए और शूनेम में छावनी डाली, तो शाऊल ने सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया, और उन्होंने गिलबो में छावनी डाली।
5 पलिश्तियों की सेना को देखकर शाऊल डर गया, और उसका मन अत्यन्त भयभीत हो कांप उठा।
6 और जब शाऊल ने यहोवा से पूछा, तब यहोवा ने न तो स्वप्न के द्वारा उस उत्तर दिया, और न ऊरीम के द्वारा, और न भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा।