1 शमूएल 28:16-22 HHBD

16 शमूएल ने कहा, जब यहोवा तुझे छोड़कर तेरा शत्रु बन गया, तब तू मुझ से क्यों पूछता है?

17 यहोवा ने तो जैसे मुझ से कहलावाया था वैसा ही उसने व्यवहार किया है; अर्थात उसने तेरे हाथ से राज्य छीनकर तेरे पड़ोसी दाऊद को दे दिया है।

18 तू ने जो यहोवा की बात न मानी, और न अमालेकियों को उसके भड़के हुए कोप के अनुसार दण्ड दिया था, इस कारण यहोवा ने तुझ से आज ऐसा बर्ताव किया।

19 फिर यहोवा तुझ समेत इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ में कर देगा; और तू अपने बेटों समेत कल मेरे साथ होगा; और इस्राएली सेना को भी यहोवा पलिश्तियों के हाथ में कर देगा।

20 तब शाऊल तुरन्त मुंह के बल भूमि पर गिर पड़ा, और शमूएल की बातों के कारण अत्यन्त डर गया; उसने पूरे दिन और रात भोजन न किया था, इस से उस में बल कुछ भी न रहा।

21 तब वह स्त्री शाऊल के पास गई, और उसको अति व्याकुल देखकर उस से कहा, सुन, तेरी दासी ने तो तेरी बात मानी; और मैं ने अपने प्राण पर खेलकर तेरे वचनों को सुन लिया जो तू ने मुझ से कहा।

22 तो अब तू भी अपनी दासी की बात मान; और मैं तेरे साम्हने एक टुकड़ा रोटी रखूं; तू उसे खा, कि जब तू अपना मार्ग ले तब तुझे बल आ जाए।