1 शमूएल 6:4-10 HHBD

4 उन्होंने पूछा, हम उसकी हानि भरने के लिये कौन सा दोषबलि दें? वे बोले, पलिश्ती सरदारों की गिनती के अनुसार सोने की पांच गिलटियां, और सोने के पांच चूहे; क्योंकि तुम सब और तुम्हारे सरदार दोनों एक ही रोग से ग्रसित हो।

5 तो तुम अपनी गिलटियों और अपने देश के नाश करने वाले चूहों की भी मूरतें बनाकर इस्राएल के देवता की महिमा मानो; सम्भव है वह अपना हाथ तुम पर से और तुम्हारे देवताओं और देश पर से उठा ले।

6 तुम अपने मन क्यों ऐसे हठीले करते हो जैसे मिस्रियों और फिरौन ने अपने मन हठीले कर दिए थे? जब उसने उनके मध्य में अचम्भित काम किए, तब क्या उन्होंने उन लोगों को जाने न दिया, और क्या वे चले न गए?

7 सो अब तुम एक नई गाड़ी बनाओ, और ऐसी दो दुधार गायें लो जो सुए तले न आई हों, और उन गायों को उस गाड़ी में जोतकर उनके बच्चों को उनके पास से ले कर घर को लौटा दो।

8 तब यहोवा का सन्दूक ले कर उस गाड़ी पर धर दो, और साने की जो वस्तुएं तुम उसकी हानि भरने के लिये दोषबलि की रीति से दोगे उन्हें दूसरे सन्दूक में धर के उसके पास रख दो। फिर उसे रवाना कर दो कि चली जाए।

9 और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से हो कर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई: और यदि नहीं, तो हम को निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।

10 उन मनुष्यों ने वैसा ही किया; अर्थात दो दुधार गायें ले कर उस गाड़ी में जोतीं, और उनके बच्चों को घर में बन्द कर दिया।