2 इतिहास 12:7-13 HHBD

7 जब यहोवा ने देखा कि वे दीन हुए हैं, तब यहोवा का यह वचन शमायाह के पास पहुंचा कि वे दीन हो गए हैं, मैं उन को नष्ट न करूंगा; मैं उनका कुछ बचाव करूंगा, और मेरी जलजलाहट शीशक के द्वारा यरूशलेम पर न भड़केगी।

8 तौभी वे उसके आधीन तो रहेंगे, ताकि वे मेरी और देश देश के राज्यों की भी सेवा जान लें।

9 तब मिस्र का राजा शीशक यरूशलेम पर चढ़ाई कर के यहोवा के भवन की अनमोल वस्तुएं और राजभवन की अनमोल वस्तुएं उठा ले गया। वह सब कुछ उठा ले गया, और सोने की जो फरियां सुलैमान ने बनाईं थीं, उन को भी वह ले गया।

10 तब राजा रहूबियाम ने उनके बदले पीतल की ढालें बनावाई और उन्हें पहरुओं के प्रधानों के हाथ सौंप दिया, जो राजभवन के द्वार की रखवाली करते थे।

11 और जब जब राजा यहोवा के भवन में जाता, तब तब पहरुए आकर उन्हें उठा ले चलते, और फिर पहरुओं की कोठरी में लौटा कर रख देते थे।

12 जब रहूबियाम दीन हुआ, तब यहोवा का क्रोध उस पर से उतर गया, और उसने उसका पूरा विनाश न किया; और यहूदा में अच्छे गुण भी थे।

13 सो राजा रहूबियाम यरूशलेम में दृढ़ हो कर राज्य करता रहा। जब रहूबियाम राज्य करने लगा, तब एकतालीस वर्ष की आयु का था, और यरूशलेम में अर्थात उस नगर में, जिसे यहोवा ने अपना नाम बनाए रखने के लिये इस्राएल के सारे गोत्र में से चुन लिया था, सत्रह वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम नामा था, जो अम्मोनी स्त्री थी।