15 और उसके बाद प्रधान यहोहानान जिसके साथ दो लाख अस्सी हजार पुरुष थे।
16 और इसके बाद जिक्री का पुत्र अमस्याह, जिसने अपने को अपनी ही इच्छा से यहोवा को अर्पण किया था, उसके साथ दो लाख शूरवीर थे।
17 फिर बिन्यामीन में से एल्यादा नामक एक शूरवीर जिसके साथ ढाल रखने वाले दो लाख धनुर्धारी थे।
18 और उसके नीचे यहोजाबाद जिसके साथ युद्ध के हथियार बान्धे हुए एक लाख अस्सी हजार पुरुष थे।
19 वे ये हैं, जो राजा की सेवा में लवलीन थे। और ये उन से अलग थे जिन्हें राजा ने सारे यहूदा के गढ़ वाले नगरों में ठहरा दिया।