2 इतिहास 20:32-37 HHBD

32 और वह अपने पिता आसा की लीक पर चला ओर उस से न मुड़ा, अर्थात जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही वह करता रहा।

33 तौभी ऊंचे स्थान ढाए न गए, वरन अब तक प्रजा के लोगों ने अपना मन अपने पितरों के परमेश्वर की ओर न लगाया था।

34 और आदि से अन्त तक यहोशापात के और काम, हनानी के पुत्र येहू के विषय उस वृत्तान्त में लिखे हैं, जो इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त में पाया जाता हैं।

35 इसके बाद यहूद के राजा यहोशापात ने इस्राएल का राजा अहज्याह से जो बड़ी दुष्टता करता था, मेल किया।

36 अर्थात उसने उसके साथ इसलिये मेल किया कि तशींश जाने को जहाज बनवाए, और उन्होंने ऐसे जहाज एस्योनगेबेर में बनवाए।

37 तब दोदावाह के पुत्र मारेशावासी एलीआजर ने यहोशापात के विरुद्ध यह नबूवत कही, कि तू ने जो अहज्याह से मेल किया, इस कारण यहोवा तेरी बनवाई हुई वस्तुओं को तोड़ डालेगा। सो जहाज टूट गए और तशींश को न जा सके।