2 इतिहास 29:27-33 HHBD

27 तब हिजकिय्याह ने वेदी पर होमबलि चढ़ाने की आज्ञा दी, और जब होमबलि चढ़ने लगी, तब यहोवा का गीत आरम्भ हुआ, और तुरहियां और इस्राएल के राजा दाऊद के बाजे बजने लगे।

28 और मण्डली के सब लोग दण्डवत करते और गाने वाले गाते और तुरही फूंकने वाले फूंकते रहे; यह सब तब तक होता रहा, जब तक होमबलि चढ़ न चुकी।

29 और जब बलि चढ़ चुकी, तब राजा और जितने उसके संग वहां थे, उन सभों ने सिर झुका कर दण्डवत किया।

30 और राजा हिजकिय्याह और हाकिमों ने लेवियों को आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दशीं के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। और उन्होंने आनन्द के साथ स्तुति की और सिर नवाकर दण्डवत किया।

31 तब हिजकिय्याह कहने लगा, अब तुम ने यहोवा के निमित्त अपना अर्पण किया है; इसलिये समीप आ कर यहोवा के भवन में मेलबलि और धन्यवादबलि पहुंचाओ। तब मण्डली के लोगों ने मेलबलि और धन्यवादबलि पहुंचा दिए, और जितने अपनी इच्छा से देना चाहते थे उन्होंने भी होमबलि पहुंचाए।

32 जो होमबलि पशु मण्डली के लोग ले आए, उनकी गिनती यह थी; सत्तर बैल, एक सौ मेढ़े, और दो सौ भेड़ के बच्चे; थे सब यहोवा के निमित्त होमबलि के काम में आए।

33 और पवित्र किए हुए पशु, छ: सौ बैल और तीन हजार भेड़-बकरियां थी।