2 इतिहास 30:8-14 HHBD

8 अब अपने पुरखाओं की नाईं हठ न करो, वरन यहोवा के आधीन हो कर उसके उस पवित्र स्थान में आओ जिसे उसने सदा के लिये पवित्र किया है, और अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करो, कि उसका भड़का हुआ क्रोध तुम पर से दूर हो जाए।

9 यदि तुम यहोवा की ओर फिरोगे तो जो तुम्हारे भाइयों और लड़के-बालों को बन्धुआ बना के ले गए हैं, वे उन पर दया करेंगे, और वे इस देश में लौट सकेंगे क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु है, और यदि तुम उसकी ओर फिरोगे तो वह अपना मुंह तुम से न मोड़ेगा।

10 इस प्रकार हरकारे एप्रैम और मनश्शे के देशें में नगर नगर होते हुए जबूलून तक गए; परन्तु उन्होंने उनकी हंसी की, और उन्हें ठट्ठों में उड़ाया।

11 तौभी आशेर, मनश्शे और जबूलून में से कुछ लोग दीन हो कर यरूशलेम को आए।

12 और यहूदा में भी परमेश्वर की ऐसी शक्ति हुई, कि वे एक मन हो कर, जो आज्ञा राजा और हाकिमों ने यहोवा के वचन के अनुसार दी थी, उसे मानने को तैयार हुए।

13 इस प्रकार अधिक लोग यरूशलेम में इसलिये इकट्ठे हुए, कि दूसरे महीने में अखमीरी रोटी का पर्व्व मानें। और बहुत बड़ी सभा इकट्ठी हो गई।

14 और उन्होंने उठ कर, यरूशलेम की वेदियों और धूप जलाने के सब स्थानों को उठा कर किद्रोन नाले में फेंक दिया।