2 इतिहास 33:7-13 HHBD

7 और उसने अपनी खुदवाई हुई मूर्ति परमेश्वर के उस भवन में स्थापन की जिसके विषय परमेश्वर ने दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान से कहा था, कि इस भवन में, और यरूशलेम में, जिस को मैं ने इस्राएल के सब गोत्रों में से चुन लिया है मैं अपना नाम सर्वदा रखूंगा,

8 और मैं ऐसा न करूंगा कि जो देश मैं ने तुम्हारे पुरखाओं को दिया था, उस में से इस्राएल फिर मारा मारा फिरे; इतना अवश्य हो कि वे मेरी सब आज्ञाओं को अर्थात मूसा की दी हुई सारी व्यवस्था और विधियों और नियमों को पालन करने की चौकसी करें।

9 और मनश्शे ने यहूदा और यरूशलेम के निवासियों यहां तक भटका दिया कि उन्होंने उन जातियों से भी बढ़ कर बुराई की, जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से विनाश किया था।

10 और यहोवा ने मनश्शे और उसकी प्रजा से बातें कीं, परन्तु उन्होंने कुछ ध्यान नहीं दिया।

11 तब यहोवा ने उन पर अश्शूर के सेनापतियों से चढ़ाई कराई, और ये मनश्शे को नकेल डाल कर, और पीतल की बेडिय़ां जकड़ कर, उसे बाबेल को ले गए।

12 तब संकट में पड़ कर वह अपने परमेश्वर यहोवा को मानने लगा, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के साम्हने बहुत दीन हुआ, और उस से प्रार्थना की।

13 तब उसने प्रसन्न हो कर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुंचा कर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्वर है।