2 इतिहास 9:12-18 HHBD

12 और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा वही राजा सुलैमान ने उसको उसकी इच्छा के अनुसार दिया; यह उस से अधिक था, जो वह राजा के पास ले आई थी। तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई।

13 जो सोना प्रति वर्ष सुलैमान के पास पहुंचा करता था, उसका तौल छ: सौ छियासठ किक्कार था।

14 यह उस से अधिक था जो सौदागर और व्यापारी लाते थे; और अरब देश के सब राजा और देश के अधिपति भी सुलैमान के पास सोना चान्दी लाते थे।

15 और राजा सुलैमान ने सोना गढ़ाकर दो सौ बड़ी बड़ी ढालें बनवाई; एक एक ढाल में छ:छ:सौ शेकेल गढ़ा हुआ सोना लगा।

16 फिर उसने सोना गढ़ाकर तीन सौ छोटी ढालें और भी बनवाई; एक एक छोटी ढाल मे तीन सौ शेकेल सोना लगा, और राजा ने उन को लबानोनी बन नामक भवन में रखा दिया।

17 और राजा ने हाथीदांत का एक बड़ा सिंहासन बनाया और चोखे सोने से मढ़ाया।

18 उस सिंहासन में छ: सीढियां और सोने का एक पावदान था; ये सब सिंहासन से जुड़े थे, और बैठने के स्थान की दोनों अलंग टेक लगी थी और दोनों टेकों के पास एक एक सिंह खड़ा हुआ बना था।