20 तब यहोवा ने इस्राएल की सारी सन्तान को छोड़ कर, उन को दु:ख दिया, और लूटने वालों के हाथ कर दिया, और अन्त में उन्हें अपने साम्हने से निकाल दिया।
21 उसने इस्राएल को तो दाऊद के घराने के हाथ से छीन लिया, और उन्होंने नबात के पुत्र यारोबाम को अपना राजा बनाया; और यारोबाम ने इस्राएल को यहोवा के पीछे चलने से दूर खींच कर उन से बड़ा पाप कराया।
22 सो जैसे पाप यारोबाम ने किए थे, वैसे ही पाप इस्राएली भी करते रहे, और उन से अलग न हुए।
23 अन्त में यहोवा ने इस्राएल को अपने साम्हने से दूर कर दिया, जैसे कि उसने अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था। इस प्रकार इस्राएल अपने देश से निकाल कर अश्शूर को पहुंचाया गया, जहां वह आज के दिन तक रहता है।
24 और अश्शूर के राजा ने बाबेल, कूता, अब्वा हमात और सपवैंम नगरों से लोगों को लाकर, इस्राएलियों के स्थान पर शोमरोन के नगरों में बसाया; सो वे शोमरोन के अधिकारी हो कर उसके नगरों में रहने लगे।
25 जब वे वहां पहिले पहिले रहने लगे, तब यहोवा का भय न मानते थे, इस कारण यहोवा ने उनके बीच सिंह भेजे, जो उन को मार डालने लगे।
26 इस कारण उन्होंने अश्शूर के राजा के पास कहला भेजा कि जो जातियां तू ने उनके देशों से निकाल कर शोमरोन के नगरों में बसा दी हैं, वे उस देश के देवता की रीति नहीं जानतीं, उस से उसने उसके मध्य सिंह भेजे हैं जो उन को इसलिये मार डालते हैं कि वे उस देश के देवता की रीति नहीं जानते।