2 राजा 25:22-28 HHBD

22 और जो लोग यहूदा देश में रह गए, जिन को बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने छोड़ दिया, उन पर उसने अहीकाम के पुत्र गदल्याह को जो शापान का पोता था अधिकारी ठहराया।

23 जब दलों के सब प्रधानों ने अर्थात नतन्याह के पुत्र इश्माएल कारेहू के पुत्र योहानान, नतोपाई, तन्हूमेत के पुत्र सरायाह और किसी माकाई के पुत्र याजन्याह ने और उनके जनों ने यह सुना, कि बाबेल के राजा ने गदल्याह को अधिकारी ठहराया है, तब वे अपने अपने जनों समेत मिस्पा में गदल्याह के पास आए।

24 और गदल्याह ने उन से और उन के जनों से शपथ खा कर कहा, कसदियों के सिपाहियों से न डरो, देश में रहते हुए बाबेल के राजा के आधीन रहो, तब तुम्हारा भला होगा।

25 परन्तु सातवें महीने में नतन्याह का पुत्र इश्माएल, जो एलीशामा का पोता और राजवंश का था, उसने दस जन संग ले गदल्याह के पास जा कर उसे ऐसा मारा कि वह मर गया, और जो यहूदी और कसदी उसके संग मिस्पा में रहते थे, उन को भी मार डाला।

26 तब क्या छोटे क्या बड़े सारी प्रजा के लोग और दलों के प्रधान कसदियों के डर के मारे उठ कर मिस्र में जा कर रहने लगे।

27 फिर यहूदा के राजा यहोयाकीन की बन्धुआई के तैंतीसवें वर्ष में अर्थात जिस वर्ष में बाबेल का राजा एवील्मरोदक राजगद्दी पर विराजमान हुआ, उसी के बारहवें महीने के सत्ताईसवें दिन को उसने यहूदा के राजा यहोयाकीन को बन्दीगृह से निकाल कर बड़ा पद दिया।

28 और उस से मधुर मधुर वचन कह कर जो राजा उसके संग बाबेल में बन्धुए थे उनके सिंहासनों से उस के सिंहासन को अधिक ऊंचा किया,