2 राजा 9:30-36 HHBD

30 जब येहू यिज्रैल को आया, तब ईज़ेबेल यह सुन अपनी आंखों में सुर्मा लगा, अपना सिर संवार कर, खिड़की में से झांकने लगी।

31 जब येहू फाटक में हो कर आ रहा था तब उसने कहा, हे अपने स्वामी के घात करने वाले जिम्री, क्या कुशल है?

32 तब उसने खिड़की की ओर मुंह उठा कर पूछा, मेरी ओर कौन है? कौन? इस पर दो तीन खोजों ने उसकी ओर झांका।

33 तब उसने कहा, उसे नीचे गिरा दो। सो उन्होंने उसको नीचे गिरा दिया, और उसके लोहू के कुछ छींटे भीत पर और कुछ घोड़ों पर पड़े, और उन्होंने उसको पांव से लताड़ दिया।

34 तब वह भीतर जा कर खाने पीने लगा; और कहा, जाओ उस श्रापित स्त्री को देख लो, और उसे मिट्टी दो; वह तो राजा की बेटी है।

35 जब वे उसे मिट्टी देने गए, तब उसकी खोपड़ी पांवों और हथेलियों को छोड़ कर उसका और कुछ न पाया।

36 सो उन्होंने लौट कर उस से कह दिया; तब उसने कहा, यह यहोवा का वह वचन है, जो उसने अपने दास तिशबी एलिय्याह से कहलवाया था, कि ईज़ेबेल का मांस यिज्रैल की भूमि में कुत्तों से खाया जाएगा।