12 फिर जब अबशालोम का यज्ञ हुआ, तब उसने गीलोवासी अहीतोपेल को, जो दाऊद का मंत्री था, बुलवा भेजा कि वह अपने नगर गीलो से आए। और राजद्रोह की गोष्ठी ने बल पकड़ा, क्योंकि अबशालोम के पक्ष के लोग बराबर बढ़ते गए।
13 तब किसी ने दाऊद के पास जा कर यह समाचार दिया, कि इस्राएली मनुष्यों के मन अबशालोम की ओर हो गए हैं।
14 तब दाऊद ने अपने सब कर्मचारियों से जो यरूशलेम में उसके संग थे कहा, आओ, हम भाग चलें; नहीं तो हम में से कोई भी अबशालोम से न बचेगा; इसलिये फुतीं करते चले चलो, ऐसा न हो कि वह फुतीं करके हमें आ घेरे, और हमारी हानि करे, और इस नगर को तलवार से मार ले।
15 राजा के कर्मचारियों ने उस से कहा, जैसा हमारे प्रभु राजा को अच्छा जान पड़े, वैसा ही करने के लिये तेरे दास तैयार हैं।
16 तब राजा निकल गया, और उसके पीछे उसका समस्त घराना निकला। और राजा दस रखेलियों को भवन की चौकसी करने के लिये छोड़ गया।
17 और राजा निकल गया, और उसके पीछे सब लोग निकले; और वे बेतमेर्हक में ठहर गए।
18 और उसके सब कर्मचारी उसके पास से हो कर आगे गए; और सब करेती, और सब पकेती, और सब गती, अर्थात जो छ: सौ पुरुष गत से उसके पीछे हो लिए थे वे सब राजा के साम्हने से हो कर आगे चले।