10 इस को देखकर किसी मनुष्य ने योआब को बताया, कि मैं ने अबशालोम को बांज वृक्ष में टंगा हुआ देखा।
11 योआब ने बताने वाले से कहा, तू ने यह देखा! फिर क्यों उसे वहीं मार के भूमि पर न गिरा दिया? तो मैं तुझे दस टुकड़े चांदी और एक कटिबन्द देता।
12 उस मनुष्य ने योआब से कहा, चाहे मेरे हाथ में हज़ार टुकड़े चांदी तौलकर दिए जाएं, तौभी राजकुमार के विरुद्ध हाथ न बढ़ाऊंगा; क्योंकि हम लोगों के सुनते राजा ने तुझे और अबीशै और इत्तै को यह आज्ञा दी, कि तुम में से कोई क्यों न हो उस जवान अर्थात अबशालोम को न छूए।
13 यदि मैं धोखा देकर उसका प्राण लेता, तो तू आप मेरा विरोधी हो जाता, क्योंकि राजा से कोई बात छिपी नहीं रहती।
14 योआब ने कहा, मैं तेरे संग यों ही ठहरा नहीं रह सकता! सो उसने तीन लकड़ी हाथ में ले कर अबशालोम के हृदय में, जो बांज वृक्ष में जीवति लटका था, छेद डाला।
15 तब योआब के दस हथियार ढोने वाले जवानों ने अबशालोम को घेर के ऐसा मारा कि वह मर गया।
16 फिर योआब ने नरसिंगा फूंका, और लोग इस्त्राएल का पीछा करने से लौटे; क्योंकि योआब प्रजा को बचाना चाहता था।