2 शमूएल 24:14-20 HHBD

14 दाऊद ने गाद से कहा, मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पडूंगा।

15 तब यहोवा इस्राएलियों में बिहान से ले ठहराए हुए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से ले कर बेर्शबा तक रहने वाली प्रजा में से सत्तर हज़ार पुरुष मर गए।

16 परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करने वाले दूत से कहा, बस कर; अब अपना हाथ खींच। और यहोवा का दूत उस समय अरौना नाम एक यबूसी के खलिहान के पास था।

17 तो जब प्रजा का नाश करने वाला दूत दाऊद को दिखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, देख, पाप तो मैं ही ने किया, और कुटिलता मैं ही ने की है; परन्तु इन भेड़ों ने क्या किया है? सो तेरा हाथ मेरे और मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो।

18 उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उस से कहा, जा कर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।

19 सो दाऊद यहोवा की आज्ञा के अनुसार गाद का वह वचन मान कर वहां गया।

20 जब अरौना ने दृष्टि कर दाऊद को कर्मचारियों समेत अपनी ओर आते देखा, तब अरौना ने निकलकर भूमि पर मुह के बल गिर राजा को दण्डवत् की।