2 शमूएल 7:17-23 HHBD

17 इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।

18 तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, हे प्रभु यहोवा, क्या कहूं, और मेरा घराना क्या है, कि तू ने मुझे यहां तक पहुंचा दिया है?

19 परन्तु तौभी, हे प्रभु यहोवा, यह तेरी दृष्टी में छोटी सी बात हुई; क्योंकि तु ने अपने दास के घराने के विषय आगे के बहुत दिनों तक की चर्चा की है, और हे प्रभु यहोवा, यह तो मनुष्य का नियम है!

20 दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? हे प्रभु यहोवा, तू तो अपने दास को जानता है!

21 तू ने अपने वचन के निमित्त, और अपने ही मन के अनुसार, यह सब बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले।

22 इस कारण, हे यहोवा परमेश्वर, तू महान् है; क्योंकि जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ कोई और परमेश्वर है।

23 फिर तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? वह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है जिसे परमेश्वर ने जा कर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया, इसलिये कि वह अपना नाम करे, ( और तुम्हारे लिये बड़े बड़े काम करे ) और तू अपनी प्रजा के साम्हने, जिसे तू ने मिस्री आदि जाति जाति के लोगों और उनके देवताओं से छुड़ा लिया, अपने देश के लिये भयानक काम करे।