16 और यह भी मेरे बचाव का कारण होगा, कि भक्तिहीन जन उसके साम्हने नहीं जा सकता।
17 चित्त लगाकर मेरी बात सुनो, और मेरी बिनती तुम्हारे कान में पड़े।
18 देखो, मैं ने अपने बहस की पूरी तैयारी की है; मुझे निश्चय है कि मैं निर्दोष ठहरूंगा।
19 कौन है जो मुझ से मुकद्दमा लड़ सकेगा? ऐसा कोई पाया जाए, तो मैं चुप हो कर प्राण छोडूंगा।
20 दो ही काम मुझ से न कर, तब मैं तुझ से नहीं छिपूंगा:
21 अपनी ताड़ना मुझ से दूर कर ले, और अपने भय से मुझे भयभीत न कर।
22 तब तेरे बुलाने पर मैं बोलूंगा; नहीं तो मैं प्रश्न करूंगा, और तू मुझे उत्तर दे।