32 वह उसके नियत दिन से पहिले पूरा हो जाएगा; उसकी डालियां हरी न रहेंगी।
33 दाख की नाईं उसके कच्चे फल झड़ जाएंगे, और उसके फूल जलपाई के वृक्ष के से गिरेंगे।
34 क्योंकि भक्तिहीन के परिवार से कुछ बन न पड़ेगा, और जो घूस लेते हैं, उनके तम्बू आग से जल जाएंगे।
35 उनके उपद्रव का पेट रहता, और अनर्थ उत्पन्न होता है: और वे अपने अन्त:करण में छल की बातें गढ़ते हैं।