4 हे अपने को क्रोध में फाड़ने वाले क्या तेरे निमित्त पृथ्वी उजड़ जाएगी, और चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी?
5 तौभी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी।
6 उसके डेरे में का उजियाला अन्धेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दिया बुझ जाएगा।
7 उसके बड़े बड़े फाल छोटे हो जाएंगे और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा।
8 वह अपना ही पांव जाल में फंसाएगा, वह फन्दों पर चलता है।
9 उसकी एड़ी फन्दे में फंस जाएगी, और वह जाल में पकड़ा जाएगा।
10 फन्दे की रस्सियां उसके लिये भूमि में, और जाल रास्ते में छिपा दिया गया है।