अय्यूब 31:23-29 HHBD

23 क्योंकि ईश्वर के प्रताप के कारण मैं ऐसा नहीं कर सकता था, क्योंकि उसकी ओर की विपत्ति के कारण मैं भयभीत हो कर थरथराता था।

24 यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, वा कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,

25 वा अपने बहुत से धन वा अपनी बड़ी कमाई के कारण आनन्द किया होता,

26 वा सूर्य को चमकते वा चन्द्रमा को महाशोभा से चलते हुए देखकर

27 मैं मन ही मन मोहित हो गया होता, और अपने मुंह से अपना हाथ चूम लिया होता;

28 तो यह भी न्यायियों से दण्ड पाने के योग्य अधर्म का काम होता; क्योंकि ऐसा कर के मैं ने सर्वश्रेष्ट ईश्वर का इनकार किया होता।

29 यदि मैं अपने बैरी के नाश से आनन्दित होता, वा जब उस पर विपत्ति पड़ी तब उस पर हंसा होता;