1 तौभी हे अय्यूब! मेरी बातें सुन ले, और मेरे सब वचनों पर कान लगा।
2 मैं ने तो अपना मुंह खोला है, और मेरी जीभ मुंह में चुलबुला रही है।
3 मेरी बातें मेरे मन की सिधाई प्रगट करेंगी; जो ज्ञान मैं रखता हूं उसे खराई के साथ कहूंगा।
4 मुझे ईश्वर की आत्मा ने बनाया है, और सर्वशक्तिमान की सांस से मुझे जीवन मिलता है।
5 यदि तू मुझे उत्तर दे सके, तो दे; मेरे साम्हने अपनी बातें क्रम से रच कर खड़ा हो जा।