अय्यूब 33:15-21 HHBD

15 स्वप्न में, वा रात को दिए हुए दर्शन में, जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़े रहते हैं, वा बिछौने पर सोते समय,

16 तब वह मनुष्यों के कान खोलता है, और उनकी शिक्षा पर मुहर लगाता है,

17 जिस से वह मनुष्य को उसके संकल्प से रोके और गर्व को मनुष्य में से दूर करे।

18 वह उसके प्राण को गढ़हे से बचाता है, और उसके जीवन को खड़ग की मार से बचाता है।

19 उसे ताड़ना भी होती है, कि वह अपने बिछौने पर पड़ा पड़ा तड़पता है, और उसकी हड्डी हड्डी में लगातार झगड़ा होता है

20 यहां तक कि उसका प्राण रोटी से, और उसका मन स्वादिष्ट भोजन से घृणा करने लगता है।

21 उसका मांस ऐसा सूख जाता है कि दिखाई नहीं देता; और उसकी हड्डियां जो पहिले दिखाई नहीं देती थीं निकल आती हैं।