23 उसके मांस पर मांस चढ़ा हुआ है, और ऐसा आपस में सटा हुआ है जो हिल नहीं सकता।
24 उसका हृदय पत्थर सा दृढ़ है, वरन चक्की के निचले पाट के समान दृढ़ है।
25 जब वह उठने लगता है, तब सामथीं भी डर जाते हैं, और डर के मारे उनकी सुध बुध लोप हो जाती है।
26 यदि कोई उस पर तलवार चलाए, तो उस से कुछ न बन पड़ेगा; और न भाले और न बर्छी और न तीर से।
27 वह लोहे को पुआल सा, और पीतल को सड़ी लकड़ी सा जानता है।
28 वह तीर से भगाया नहीं जाता, गोफन के पत्थर उसके लिये भूसे से ठहरते हैं।
29 लाठियां भी भूसे के समान गिनी जाती हैं; वह बर्छी के चलने पर हंसता है।