3 तुम बुरे दिन को दूर कर देते, और उपद्रव की गद्दी को निकट ले आते हो॥
4 तुम हाथी दांत के पलंगों पर लेटते, और अपने अपने बिछौने पर पांव फैलाए सोते हो, और भेड़-बकरियों में से मेम्ने और गौशालाओं में से बछड़े खाते हो।
5 तुम सारंगी के साथ गीत गाते, और दाऊद की नाईं भांति भांति के बाजे बुद्धि से निकालते हो;
6 और कटोरों में से दाखमधु पीते, और उत्तम उत्तम तेल लगाते हो, परन्तु यूसुफ पर आने वाली विपत्ति का हाल सुन कर शोकित नहीं होते।
7 इस कारण वे अब बंधुआई में पहिले जाएंगे, और जो पांव फैलाए सोते थे, उनकी धूम जाती रहेगी॥
8 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, ( परमेश्वर यहोवा ने अपनी ही शपथ खाकर कहा है): जिस पर याकूब घमण्ड करता है, उस से मैं घृणा, और उसे राजभवनों से बैर रखता हूं; और मैं इस नगर को उस सब समेत जो उस में हैं, शत्रु के वश में कर दूंगा॥
9 और यदि किसी घर में दस पुरूष बचे रहें, तौभी वे मर जाएंगे।