आमोस 9:1-7 HHBD

1 मैं ने प्रभु को वेदी के ऊपर खड़ा देखा, और उसने कहा, खम्भे की कंगनियों पर मार जिस से डेवढिय़ां हिलें, और उन को सब लोगों के सिर पर गिरा कर टुकड़े टुकड़े कर; और जो नाश होने से बचें, उन्हें मैं तलवार से घात करूंगा; उन में से एक भी न भाग निकलेगा, और जो अपने को बचाए, वह बचने न पाएगा॥

2 क्योंकि चाहे वे खोद कर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहां से मैं हाथ बढ़ा कर उन्हें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, तो वहां से मैं उन्हें उतार लाऊंगा।

3 चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं, परन्तु वहां भी मैं उन्हें ढूंढ़-ढूंढकर पकड़ लूंगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टि से ओट हों, वहां भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा।

4 और चाहे शत्रु उन्हें हांक कर बंधुआई में ले जाएं, वहां भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उन्हें घात कराऊंगा; और मैं उन पर भलाई करने के लिये नहीं, बुराई की करने के लिये दृष्टि करूंगा॥

5 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के स्पर्श करने से पृथ्वी पिघलती है, और उसके सारे रहने वाले विलाप करते हैं; और वह सब की सब मिस्र की नदी के समान जो जाती है, जो बढ़ती है फिर लहरें मारती, और घट जाती है।

6 जो आकाश में अपनी कोठरियां बनाता, और अपने आकाशमण्डल की नेव पृथ्वी पर डालता, और समुद्र का जल घरती पर बहा देता है, उसी का नाम यहोवा है॥

7 हे इस्राएलियों, यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम मेरे लेखे कूशियों के समान नहीं हो? क्या मैं इस्राएल को मिस्र देश से और पलिश्तियों को कप्तोर से नहीं निकाल लाया? और अरामियों को कीर से नहीं निकाल लाया?