उत्पत्ति 13:4-10 HHBD

4 यह स्थान उस वेदी का है, जिसे उसने पहले बनाई थी, और वहां अब्राम ने फिर यहोवा से प्रार्थना की।

5 और लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे।

6 सो उस देश में उन दोनों की समाई न हो सकी कि वे इकट्ठे रहें: क्योंकि उनके पास बहुत धन था इसलिये वे इकट्ठे न रह सके।

7 सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच में झगड़ा हुआ: और उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।

8 तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं।

9 क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।

10 तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।