उत्पत्ति 18:1-7 HHBD

1 इब्राहीम माम्रे के बांजो के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया:

2 और उसने आंख उठा कर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरूष उसके साम्हने खड़े हैं: जब उसने उन्हे देखा तब वह उन से भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिरकर दण्डवत की और कहने लगा,

3 हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं बिनती करता हूं, कि अपने दास के पास से चले न जाना।

4 मैं थोड़ा सा जल लाता हूं और आप अपने पांव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।

5 फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊं और उससे आप अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात आगे बढें: क्योंकि आप अपने दास के पास इसी लिये पधारे हैं। उन्होंने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।

6 सो इब्राहीम ने तम्बू में सारा के पास फुर्ती से जा कर कहा, तीन सआ मैदा फुर्ती से गून्ध, और फुलके बना।

7 फिर इब्राहीम गाय बैल के झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा ले कर अपने सेवक को दिया, और उसने फुर्ती से उसको पकाया।