21 उसने उससे कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा।
22 फुर्ती से वहां भाग जा; क्योंकि जब तक तू वहां न पहुचे तब तक मैं कुछ न कर सकूंगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा।
23 लूत के सोअर के निकट पहुंचते ही सूर्य पृथ्वी पर उदय हुआ।
24 तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई;
25 और उन नगरों को और सम्पूर्ण तराई को, और नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों, भूमि की सारी उपज समेत नाश कर दिया।
26 लूत की पत्नी ने जो उसके पीछे थी दृष्टि फेर के पीछे की ओर देखा, और वह नमक का खम्भा बन गई।
27 भोर को इब्राहीम उठ कर उस स्थान को गया, जहां वह यहोवा के सम्मुख खड़ा था;