उत्पत्ति 24:43-49 HHBD

43 तो देख मैं जल के इस कुएं के निकट खड़ा हूं; सो ऐसा हो, कि जो कुमारी जल भरने के लिये निकल आए, और मैं उससे कहूं, अपने घड़े में से मुझे थोड़ा पानी पिला;

44 और वह मुझ से कहे, पी ले और मैं तेरे ऊंटो के पीने के लिये भी पानी भर दूंगी: वह वही स्त्री हो जिस को तू ने मेरे स्वामी के पुत्र के लिये ठहराया हो।

45 मैं मन ही मन यह कह ही रहा था, कि देख रिबका कन्धे पर घड़ा लिये हुए निकल आई; फिर वह सोते के पास उतर के भरने लगी: और मैं ने उससे कहा, मुझे पिला दे।

46 और उसने फुर्ती से अपने घड़े को कन्धे पर से उतार के कहा, ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊंटों को भी पिलाऊंगी: सो मैं ने पी लिया, और उसने ऊंटों को भी पिला दिया।

47 तब मैं ने उससे पूछा, कि तू किस की बेटी है? और उसने कहा, मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूं: तब मैं ने उसकी नाक में वह नथ, और उसके हाथों में वे कंगन पहिना दिए।

48 फिर मैं ने सिर झुका कर यहोवा को दण्डवत किया, और अपने स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुंचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसकी भतीजी को ले जाऊं।

49 सो अब, यदि तू मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझ से कहो: और यदि नहीं चाहते हो, तौभी मुझ से कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, वा बाईं ओर फिर जाऊं।